नई मुंबई : विदेश मंत्रालय के मुताबिक, युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का पहला जत्था चेर्नोबिल से रोनामा के लिए रवाना हो गया है.
भारत सरकार भारतीयों की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, पश्चिमी यूक्रेनी शहरों अलबीम और चेर्नोवाक्षी में विदेश मंत्रालय के शिविर कार्यालय के साथ अतिरिक्त रूसी भाषी अधिकारियों को यूक्रेन में आये भारतीयों को यूक्रेन के सीमा पार दूसरे देश में सुरक्षित आश्रय की तलाश में मदद करने के लिए भेजा गया है।
इसके लिए अधिकारियों की टीमें हंगरी और पोलैंड भेजी गई हैं। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को इन टीमों से संपर्क करने का निर्देश दिया है। संपर्क के लिए दूरभाष नंबर मंत्रालय की वेबसाइटों पर दिए गए हैं। यूक्रेन में फिलहाल 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं। यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपति ने कहा कि विदेश मंत्रालय उनकी रिहाई के लिए तत्काल कदम उठा रहा है।
केयूल में भारतीय दूतावास ने भारतीयों की सहायता के लिए संपर्क नंबर सक्रिय कर दिए हैं। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि यूक्रेन में फंसे लोगों को निकालने और उन्हें भारत वापस लाने का पूरा खर्च सरकार उठाएगी.
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने यूक्रेनी समकक्ष के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। रोमानिया की राजधानी बुकाडिस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया के दो विमान आज मुंबई और दिल्ली से भेजे जा रहे हैं।