ऑपरेशन सिंदूर: कल (28 तारीख) संसद के मानसून सत्र में पहलगाम दहशतवादी हल्ला और ऑपरेशन सिंदूर पर लंबी चर्चा हुई। इस दौरान लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन किया कि संघर्ष विराम में डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता थी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं था।
मोदी-ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के लिए एकमात्र संदेश यही था कि हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। 7 मई को जिन जगहों पर हमला हुआ, वे आतंकी मुख्यालय और बुनियादी ढांचे थे। हमने पाकिस्तान पर नहीं, बल्कि आतंकी कैंपों पर हमला किया था। बाद में पाकिस्तान के अनुरोध पर युद्धविराम की घोषणा की गई। इसमें किसी ने मध्यस्थता नहीं की। 22 अप्रैल से 17 जून के बीच ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।"
जयशंकर ने आगे कहा, "हम परमाणु बमों की धमकी के आगे कभी नहीं झुकेंगे। हमारा इरादा केवल पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला करना था। हालाँकि, चूंकि पाकिस्तानी सेना ने हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया, इसलिए हमें उनका जवाब देना पड़ा। अगर पाकिस्तान भविष्य में इस तरह के हमले करने की कोशिश करता है, तो हम भी पाकिस्तानी सेना पर इसी तरह के हमले करते रहेंगे," उन्होंने इस समय भी स्पष्ट किया।
पहलगाम के बाद पूरी दुनिया भारत के साथ है। "हमने दुनिया को पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाया। पहलगाम के बाद दुनिया भारत के साथ थी। पहलगाम हमले पर दुनिया ने भारत के पक्ष में क्या कहा? विपक्षी दल यही पूछ रहे हैं। मैं कहना चाहूंगा कि जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है और हम भारत का समर्थन करते हैं। फ्रांस और यूरोपीय संघ ने भी यही कहा। क्वाड और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय समूहों ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले की निंदा की।"
जयशंकर ने स्पष्ट किया, 'डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता नहीं, युद्धविराम पाकिस्तान के अनुरोध पर', 'No mediation by Donald Trump; ceasefire at Pakistan's request,' Jaishankar clarifies
जयशंकर आगे कहते हैं, "25 अप्रैल को सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने भी पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया था कि किसी भी रूप में आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर ख़तरों में से एक है। 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री को फ़ोन करके बताया था कि पाकिस्तान हमला करने वाला है। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने साफ़ कहा था कि अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो भारत चुप नहीं रहेगा। पाकिस्तान में हुई तबाही की सैटेलाइट तस्वीरें सभी ने देखी हैं। क्या आप में से किसी ने सोचा था कि बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी कैंप इस तरह तबाह हो जाएँगे? मोदी सरकार ने ये कर दिखाया है।"