सात साल में चीन ने ही बनाया कोरोना। आज दुनिया कोरोना महामारी से झुंज रही है। और लंबे वक्त तक चुप्पी बनाये रखा हुआ चीन अभी खुद को बे कसूर मान रहा है, और हमेशा ईसी बेशरमी की बेकसूर होने की कोशिशों में लगा है। लेकीन चीन के एक और करतूद का खुलासा हुआ है।
वाॅल स्ट्रीट जनरल ने एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से जो दावा किया है वो ईस ओर ईशारा करता है की, कोरोना संक्रमण एक चीन की सोची समझी साजीश का हिस्सा हो सकता है।
दावे के मुताबिक एप्रिल 2012 में चीन के ये युन्नान प्रांत में तांबे की खदान में सफाई के लिये कुछ मजदूरों को भेजा गया था। ईस खदान का ईस्तेमाल नही होता था और ईस जगह पें कुछ चमगादड़ो ने घर बनाके रखे थे। ईस अंधेरी खदान में हवा भी नहीं पहुँच ती थी। कई घंटो तक ये मजदूर सफाई करते रहें।
रिपोर्ट के मुताबीक देढ से दो हफ्ते के बाद के करीब ऊन्हे न्यूमोनिया जैसे बिमारी हो गई। उस हादसे के बाद फिर से और तीन मजदूरों को ऊसी जगह पर भेजा गया। और कुछ समय बाद ऊन्हे भी सर्दी, खाँसी और सांस में दिक्कत जैसी बीमारी हो गई। ईन सभी मजदूरों को कँमिंग मेडिकल स्कूल में ईलाज के लिये भेजा गया।
ईलाज के तहत तबीयत बहुत खराब होने पर उन्हें वेंटिलेटर पे रखा गया। कुछ महीनों बाद उनमें से तीनों की मौत हो गई। ईसी रिपोर्ट से आगे दावा किया गया है की, युन्नान कि खदान में मजदूरों के बिमार पडने के बाद चीन के वायरलॉजी के चार टिम ने वहा के कुछ सँपल लिये जिन्हें वहाँ 9 वायरस मिले।
उसके बाद ऊन सारे वायरस को वुहान के लॅब मे ले जाया गया। ईन वायरसों में से एक RatG13 था जो SARS-CoV-2 सारस कोविड 2 से 96.4% मिलता जुलता था। ईस के और कोविड 19 फैलाने वाले कोरोना वायरस के बीच सिर्फ 15 म्यूटेशन का गॅप था। सबसे बडी बात ये थी पिडीतों के ब्लड सँपल जीस वायरलाॅजी लॅब में भेजी ऊस वुहान वायरलाॅजी भेजे गये वहाँ मोजूद बॅडा वुमन के नाम से मशहूर डाॅ. सी झेन ने मरने वालों के पिछे फंगल इन्फेक्शन के कारण से जिम्मेदार ठहराया। लेकिन वाॅल ईस्टेट जनरल के रिपोर्ट के बाद एक बार फिर ये वाक्य और ये लॅब फिर से एक बार चर्चा में है। और यही से वायरस लिक होने के आरोपों को बल मिला है। खासकर तब जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडन ने इंटेलिजेंस अधिकारियों को आदेश दिया कि, वायरस की उत्पत्ति के बारें में इंटेलिजेंस जल्द से जल्द सच का पता करने की कोशिशें तेज करें और 90 दिन के अंदर रिपोर्ट दि जाये।
ईस 90 दिन में रिपोर्ट आने तक अमेरिका खामोश रहेगी। रिपोर्ट के मुताबीक चीन दोषी ठहरा तो जागतिक कोर्ट में अमेरिका चीन के खिलाफ मुकदमा चलने की संभावना है। या फिर चीन को जीवीत हानी के तेहेत एक बडी रकम में जुर्माना भरना पड सकता है।
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